बुधवार, 9 मई 2012

गीतांजलि



लो! वसंत आया है

- डॉ. एल.आर. सोनी 'सीकरÓ


    डाल- डाल - पातों में, कली-कली- फूलों में-
    जोश नया छाया है - लो ! वसंत आया है।
            लो! वसंत आया है॥ 1।।
        गुन-गुन भोंरों ने
        मदन - मस्त चोरों ने-
                नव-नवेली कलियों का -
                परदानशी- परियों का -
                उलझी हुई लडिय़ों का -
    घँूघट हटाया है । लो! वसंत आया है॥ 2॥
         भीनी- भीनी खुशबू ने,
        फरर- फरर तितली ने,
                लहर - लहर मस्ती का-
                ठहर -ठहर कश्ती का-
                मदमाती- हस्ती का-
        राग ये सुनाया है। लो! वसंत आया है॥ 3॥
        श्वेत वर्ण राधा ने,
        केशरिया सारी ने-
                 नेह- मिलन घडिय़ों का-
                नवल- नवल कडिय़ों का-
                दमक- दमक मणियों का -
    राज ये बताया है । लो । वसंत आया है॥
                    लो! वसंत आया है॥ 4 ।।   

कवि का नाम
डॉ. एल.आर. सोनी 'सीकरÓ
 पिता का नाम
स्व. श्री महादेव प्रसाद सोनी
जन्म दिनांक
31 मई 1943
शिक्षा
बी.एस.सी.
पद 
सेवानिवृत्त
मेडीकल ऑफीसर
रुचियां
साहित्य साधना, समाजसेवा
आकाशवाणी,दूरदर्शन कलाकर,
63 वर्षीय साहित्यकार
11 वर्ष की अल्पायु से काव्यांकुरण।, 52 वर्षीय साहित्य साधना, सन् 1984 में 'चेतना की धूपÓ गीत संग्रह प्रकाशित, विविध विधाओं की 14 कृतियां प्रकाशनाधीन।अ.भा. प्रकाशन सम्मान। प्रमुख  सह सम्पादक आदि।
सम्पर्क सूत्र
'सीकर भवनÓ
न्यू दतिया पब्लिक स्कूल
ठंडी सड़क, दतिया म.प्र.
पिन  475662
मोबाइल - 94251-19343

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