शुक्रवार, 11 मई 2012

येद्दयुरप्पा के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को आदेश दिया कि वह उन आरोपों की जांच करे, जिनमें कहा गया है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा के रिश्तेदारों द्वारा संचालित प्रेरणा ट्रस्ट को उन खनन कंपनियों से बड़ी मात्रा में अनुदान प्राप्त हुए थे, जिनका उन्होंने पक्ष लिया था। अदालत के इस आदेश से येद्दयुरप्पा को करारा झटका लगा है।
प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक के किसी भी अदालत में इस मामले से संबंधित सुनवाई पर रोक भी लगा दी है।
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच पूरी करने के बाद सीबीआई उचित अदालत में रपट पेश करेगी और राज्य की सभी एजेंसियां जांच में सीबीआई को सहयोग करेंगी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति [सीईसी] ने इस मामले की जांच करने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। समिति ने खनन पट्टे जारी करने में अनियमितता के आरोप लगाए थे और कहे थे कि खनन कम्पनियों ने मदद के एवज में प्रेरणा ट्रस्ट को अनुदान दिए थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह एक हरित समिति की सिफारिश पर खनन कम्पनियों द्वारा येद्दयुरप्पा के रिश्तेदारों द्वारा संचालित ट्रस्ट को दिए गए अनुदानों की सीबीआई जांच कराने की इच्छा प्रकट की थी।
प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया, न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की वन पीठ ने येद्दयुरप्पा के वकील वी गिरि को इस बात के लिए शनिवार तक का समय दिया था कि वे मामले की सीबीआई जांच के लिए, पर्यावरण संबंधी मामलों पर केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति [सीईसी] द्वारा सिफारिश किए गए मामलों की अदालती कार्यवाहियों पर दस्तावेज सौंप दें।
अदालत ने दस्तावेज तब मांगे थे, जब गिरि ने कहा था कि सीईसी ने जिन पहलुओं के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की है, उन सभी पहलुओं की जांच पहले ही एक विशेष न्यायाधीश के निर्देश पर चल रही है। गिरि ने कहा था कि ऐसे में सीईसी की सिफारिश पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
लेकिन कोर्ट ने कहा था कि यदि दस्तावेज जांच के लायक एक मजबूत प्रथम दृष्ट्या मामले का संकेत कर रहे हैं तो कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकता।

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