प्रिय भक्तो,
आज पूरी दुनिया में हर इंसान परेशान और त्रस्त है। इन परेशानियों से कैसे छुटकारा पाया जाए, यह वह नहीं समझ पाता। अर्थयुग होने के कारण पैसों की आवश्यकता सभी को है। सभी चाहते हैं हमारा मकान हो, अपनी एक नई कार हो, समाज में यश, वैभव और कीर्ति की पताका हमेशा लहराती रहे। जिसके पास हजार रुपये हैं वह चाहता है हम लखपति बन जाएं, लखपति चाहता है करोड़पति बन जाएं, करोड़पति चाहता है अरबपति बन जाएं। लेकिन पैसा कमाना इतना आसान नहीं है। नकारात्मक शक्तियां हमारा पीछा नहीं छोड़ती। किसी के घर में अशांति है, तो किसी परिवार के सदस्य ने मकान-जमीन हड़प ली। कोई बीमारी से परेशान है तो कोई कर्ज नहीं पटा पाने से दु:खी है। किसी की नौकरी नहीं लग पा रही है तो किसी के बच्चा नहीं हो रहा। व्यापार धंधा भी ठप है। आखिर इसका समाधान खोजते-खोजते समय बीतता जा रहा है। उम्र ढलती जा रही है, फिर भी कहीं से आस नहीं दिख रही। नाते-रिश्तेदार, भाई-बंधु, मित्र-सखा सभी ने साथ छोड़ दिया है। कोई मदद देने को तैयार नहीं है। ऐसे में हमें क्या करना चाहिए। कौन हमारी मदद करेगा। इसके लिए सिर्फ शक्ति की शरण में जाने से, उनसे शक्ति पाने, आशीर्वाद लेने से शक्ति की अनन्य कृपा भक्तों पर बरसने लगती है। जब शक्ति की कृपा मिलना शुरू हो जाती है तो सारे काम अपने आप बनने शुरू हो जाते हैं और जातक या उनका परिवार खुशी-खुशी धन्यवाद देता है। हे अनन्य शक्ति के मालिक हमने जो चाहा था उससे कई गुणा अधिक आपने हमें देकर हमारे परिवार पर कृपा बरसायी है। हम आपको कोटि-कोटि नमन् करते हैं। वंदन करते हैं। प्रणाम करते हैं। ऐसी कृपा पाने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं।
आप पर भी बरसेगी कृपा
शक्ति की शरण में आने से शक्ति की कृपा भक्तों पर शुरू हो जाती है। उस कृपा को पाने के लिए सच्ची भावना, सच्चा मन होना चाहिए। आप जो चीज घर में कर रहे हैं। वह करते रहिये। जिस देवता की आप पूजा करें वह सच्चे मन से करें। भले ही आप सिर्फ दो मिनट ही पूजा करें। परन्तु वह सच्ची श्रद्धा व मन से करें। भक्तों को कभी भी किताबों के ज्ञान से कृपा प्राप्त नहीं हो सकती। कृपा प्राप्त होगी परम सदगुरुदेव के आशीर्वाद से। कोई भी ताबीज, यंत्र, मंत्र, तंत्र कुछ नहीं कर सकता। सच्ची कृपा प्राप्त हो जाने से, आशीर्वाद मिल जाने से कृपा अपने आप बरसनी शुरू हो जाती है। कृपा का मतलब यह नहीं है कि आप कर्म करना छोड़ दें, और कहने लगें कि हमारा तो कोई भी काम नहीं हो रहा। कर्म तो आपको करना ही पड़ेगा। लेकिन कर्म करने के बावजूद अगर आपको उसका फल नहीं मिल रहा है तो समझिये आप पर शक्ति की कृपा नहीं बरस रही है। उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो रहा है। शक्ति की कृपा एक ही शक्ति से प्राप्त होती है। उनका पूजन, मनन, चिंतन कुछ वक्त कर लें, फिर कृपा ही कृपा शुरू हो जाएगी। जैसे गणेश जी दुर्गा मां, हनुमान जी, श्रीकृष्ण जी, साईं बाबा, शंकर जी जिस देवता की आप पूजा करें, सिर्फ एक देवता की ही रोजाना सच्चे मन से पूजा करना है। अगर आप चर्च जाते हैं तो, अगर आप गुरुद्वारा जाते हैं तो, अगर आप मस्जिद जाते हैं तो भी शक्ति की अपार कृपा आपको प्राप्त होगी। वह भी कुछ मिनट की पूजा, ध्यान करने से।
यह करें/यह नहीं करें
1. घर के मंदिर में दो या तीन तस्वीर रखें। ज्यादा देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं रखना है।
2. किसी देवता की दो तस्वीरें नहीं रखना है।
2. सुबह 6 बजे जागने के बाद घर के मुख्य द्वार पर झाडू लगाकर पानी छिड़के या एक बाल्टी से चबूतरा धोयें।
3. घर के पूजा मंदिर में सुबह-शाम एक देसी घी का दीपक लगाएं। मंदिर में पूजा करें।
4. सदगुरुदेव, इष्टदेवता-कुलदेवी का ध्यान कर गुरुमंत्र का जाप करें।
5. रात्रि को सोने से पहले दिनभर के कर्म के लिए क्षमाचायना मांगते हुए, अपनी तरक्की, ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
6. नवरात्रि या दीपावली पर दस के नोट की एक गड्डी तिजोरी, अलमारी में पूजा करके रखें। इसे खर्च नहीं करना है। एक साल बाद फिर दस नई गड्डी दस के नोट की रखें। अब पहली वाली गड्डी से कुछ नोट खर्च कर सकते हैं। पूरे नहीं। इससे धन के अभाव कभी नहीं रहेगा।
7. एक गोलक में आय का फीसदी धार्मिक कार्यों के लिए जमा करें।
8. एक निश्चित दिन याद कर लें। उस दिन गरीबों को, गाय को, कुत्ते को कुछ न कुछ दान दें, भोजन कराएं, रोटी, दाल,हरी घास खिलायें। पक्षियों को दाना भी डालें।
9. एक साल या दो साल में किसी धार्मिक स्थान की यात्रा करें व शक्ति से अपने लिए ऊर्जा मांगें। मनोकामनाएं पूर्ण होने के लिए प्रार्थना करें।
10. घर में जिन सदस्यों की डेथ हो गई है उनका चित्र कमरे में नहीं लगाएं।
11. सदगुरुदेव का चित्र पूजा घर में न रखकर कमरे में बाहर लगाएं तथा सिर्फ अगरबत्ती या धूपबत्ती दिखाएं। दीपक नहीं लगाएं।
12. नवरात्रि और दीपावली पर अखंड ज्योति जलाएं और शक्ति से ऊर्जा प्राप्त करें।
13. रोजाना दस मिनट ध्यान करें।
14. कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचें, जहां तक बन सके गरीबों की मदद करें, उन्हें दान दें।
14. नकारात्मक सोचने से बुरी शक्तियों का प्रभाव हम पर पडऩे लगता है। फिर नकारात्मक शक्तियां हम पर, हमारे परिवार पर हावी होने लगती हैं और कृपा रुक जाती है। हमारे काम बिगडऩा शुरू हो जाते हैं।
15. सकारात्मक कार्य करने, सोचने से सच्ची कृपा आना शुरू हो जाती है फिर किसी भी काम में रुकावट नहीं आती और काम बनने शुरू हो जाते हैं।
- पंडित राज
चैतन्य भविष्य जिज्ञासा शोध संस्थान
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