शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

दर्शकों के दिलों में बसना चाहता हूं : दिलजान




सुर क्षेत्र में कमाल दिखा रहे पंजाब की शान दिलजान से बातचीत




परिणीता नागरकर

'फतह सुरों की, जीत संगीत की पर आधारित सुर-क्षेत्र रियल्टी शोज के बादशाह गजेन्द्र सिंह का भव्य पैमाने पर बना सिंगिंग रियल्टी शो है जो दर्शकों का पंसदीदा शो बन गया है। सहारा वन, कर्लस और पाकिस्तान के जियो टी वी पर प्रसारित हो रहे इस शो में 12 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं। इन प्रतियोगियों में करतारपुर (जालन्धर) में जन्मे युवा गायक दिलजान की गायिकी के सभी दीवाने बन गये हैं। उनकी आवाज का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है। पंजाब की शान दिलजान पिछले दिनों दुबई में इस शो की पहले भाग की शूटिंग खत्म करने के बाद पंजाब आए तो उन्होंने इस शो के बारे में अपने अनुभवों को बड़े फक्र से बताया। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

इस शो की खासियत क्या है?
'सुर-क्षेत्र एक अलग फार्मेट पर बना सिंगिंग रियल्टी शो है जो भारत और पाकिस्तान में छिपी संगीत प्रतिभाओं को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा। इस शो के सभी 12 प्रतियोगी आजकल दर्शकों का दिल जीतने की कोशिशकर रहे हैं।

आपका इस शो के लिए चयन कैसे हुआ?
दिसंबर 2011 में सुर-क्षेत्र के लिए लुधियाना में आंडिशंस हुए थे। तकरीबन 300 चुने गये प्रतियोगियों में से केवल मुझे ही मुबंई में फाईनल ऑडिशन के लिए चुना गया। मैंने ऑडिशनस में गजलों के बादशाह स्वर्गीय जगजीत सिंह का यादगार गीत चिट्ठी न कोई संदेश और सूफियाना गीत 'आयो नी संयो गाया। गजेन्द्र सिंह की टीम को मुझमें एक सुरीली आवाज नजर आयी। मुंबई में भी मैंने अपनी गायिकी के बल पर हिमेश रेशमिया जैसे गायक और संगीत निर्देशक का दिल जीता।

आपकी नजर में हिमेश रेशमिया और आतिफ असलम कैसे हैं ?
देखिये हिमेश रेशमिया भारतीय टीम के कप्तान हैं और आतिफ असलम पाकिस्तान टीम के। दोनों संगीत क्षेत्र के धुरंधर माने जाते हैं। सेट पर दोनों अपने अपने प्रतियोगियों का हौसला बढ़ाते हैं। मुझे हिमेशजी से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने मेरी प्रतिभा को परखा और पहचाना अैर अब मैं उनकी और दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।

संगीत में आपके गुरु कौन हैं?
मेरा बचपन से यह सपना था कि मैं एक गायक बनूं। मेरे पिताजी ने मुझे इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा दी। मुझे उस्ताद पूर्ण शाह कोटी का आशीर्वाद मिला है। मेरे सिर पर मास्टर सलीम जैसे अच्छे गायक का हाथ भी है। मैं इन सभी संगीत की चर्चित हस्तियों का शुक्रगुजार हूं जिनकी बदौलत मैं आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं।

सुर क्षेत्र के जजों के बार में बताएं?
आशा भौसले जी, आबिदा परवीन जी और रूना लैला जी इस शो की जज हैं। तीनों का अपना अपना नजरिया है। सभी जज प्रतियोगिता में अच्छे सुरों का विशेष ध्यान रखते हैं। सुरों का जिसे अच्छा ज्ञान है वो ही इस शो का विजेता होगा। मै आशा जी से बहुत प्रभावित हूं। उन्होंने कई बार खड़े होकर मेरे गाये गीतों की प्रशंसा की है। मेरी नजर में तीनों जज बाखूबी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

आपका संगीत का अब तक का सफर कैसा रहा?
मेरा संगीत का सफर अब तक अच्छा ही रहा है। मैं 2006 में 'आवाज पंजाब दी म्यूजिकल कंटेस्ट में रनर अप रहा। 'मेरी एक माता की भेंटों की एलबम आ चुकी है। दूसरी एलबम भी लगभग तैयार है जो इस शो के बाद रिलीज होगी। मेरी दूसरी एलबम का संगीत सचिन आहूजा ने दिया है।

आपका लक्ष्य क्या है?
बतौर गायक दर्शकों के दिलों में बस जाना। जैसा कि सभी गायकों का सपना होता है। कि वो बॉलीवुड में भी फिल्मों में गाएं तो मेरा भी यही सपना और लक्ष्य है।